Sad Shayari in Urdu

मोहब्बत करके भी हम अधूरे रह गए,
वो मुस्कुरा कर किसी और के हो गए।
अब तो आंसू भी थक गए हैं बहते बहते,
और दिल भी बेज़ार है धड़कते धड़कते।
जिसको दिल से चाहा, वही गैर हो गया,
वक़्त ने मुझे फिर तन्हा कर दिया।
हर बार वफ़ा करके भी बेवफा कहलाए,
दिल टूटा तो इल्ज़ाम भी हम पर आया।
न शिकवा रहा, न कोई मलाल रहा,
बस तुम ना रहे और दिल ख़ामोश रहा।
तेरे बाद किसी से दिल लगाया नहीं,
क्योंकि टूटी हुई चीज़ें दोबारा सजाई नहीं जातीं।
कैसे कहूं कि तुझसे मोहब्बत अब भी है,
तेरे बिना जी तो रहा हूं, मगर ज़िंदा नहीं।
लोग हंसते हैं मेरी तन्हाई पर,
उन्हें क्या पता कि ये सज़ा मैंने मोहब्बत में पाई है।
ना उम्मीद हूँ फिर भी तेरा इंतज़ार करता हूँ,
शायद किसी रोज़ तुझे मेरी याद आ जाए।
जिसको हम अपना सब कुछ समझ बैठे थे,
वही हमें सबसे अजनबी बनाकर चला गया।
अब किसी की चाहत में खुद को नहीं खोते,
बहुत मुश्किल से ये टूटे टुकड़े जोड़े हैं हमने।
वो वादा तोड़ गया इस अंदाज़ में,
जैसे मेरा कोई हक़ ही नहीं था उस पर।
वो बोले भूल जाओ मुझे,
मैं हंस दिया – ये भी कोई याद रखने वाली बात थी?
मेरी तन्हाई में भी तेरा नाम है,
तू ना होते हुए भी मेरे हर लम्हे के साथ है।
तेरे जाने के बाद, सब कुछ तो है,
बस दिल अब पहले जैसा नहीं रहा।
Broken Heart Shayari in Urdu

Broken Heart Shayari in Urdu
जिसको अपना समझा था,
वही सबसे पहले पराया हो गया।
तेरा साथ छोड़ गया वक़्त की तरह,
और हम तुझसे लिपटे रहे उम्मीद की तरह।
दिल टूटा है इस बार कुछ इस अंदाज़ से,
आवाज़ भी नहीं आई और बिखर गए हम।
मोहब्बत की थी मगर मुक़द्दर ने साथ नहीं दिया,
जिसको चाहा वही हमें समझ नहीं पाया।
ज़ख्म तो बहुत दिए हैं लोगों ने,
मगर तेरा दिया हुआ सबसे गहरा निकला।
अब शिकवा भी नहीं तुझसे,
तू जैसा था वैसा ही निकला।
तन्हा हो गए हैं तेरे जाने के बाद,
और तन्हाई से गहरी कोई सज़ा नहीं होती।
हमने तो टूट कर चाहा था तुझे,
और तूने हमें ही तोड़ दिया।
जिस दिल में तेरा नाम बसाया था,
अब वहां सन्नाटा ही सन्नाटा है।
अब किसी की चाहत में खुद को नहीं खोते,
टूटा हुआ दिल दोबारा नहीं जोड़ा जाता।
Alone Shayari in Urdu

भीड़ में भी तन्हा महसूस करता हूँ,
जैसे मेरा कोई नहीं इस जहां में।
तन्हाई पूछती है हर रोज़ मुझसे,
क्या वाकई कोई था जो मुझे छोड़ गया?
जब साथ देने वाला ही चला जाए,
तो खामोशी भी शोर जैसी लगती है।
कुछ रिश्ते ताउम्र तन्हा कर जाते हैं,
भले ही कुछ पल के लिए मिले हों।
अकेलापन भी अब अपना सा लगता है,
शायद आदत हो गई है सबके बिना जीने की।
हर कोई साथ है मगर कोई पास नहीं,
यही तो सबसे बड़ी तन्हाई है।
अब तो आदत सी हो गई है तन्हा रहने की,
मोहब्बत ने भी साथ छोड़ दिया और दुनिया ने भी।
हम हँसते तो हैं, मगर तन्हाई रो लेती है,
किसी को क्या पता, ये मुस्कान भी उदासी में डूबी है।
वो सारे लोग भी अजनबी लगते हैं अब,
जिनके बिना पहले जीना मुश्किल लगता था।
तन्हा दिल को कोई समझा नहीं पाया,
जिसे चाहा उसी ने अकेला छोड़ दिया।
Emotional Shayari in Urdu

ना कोई शिकवा रहा, ना कोई गिला तुझसे,
बस तन्हा सा हो गया हूँ अब खुद से।
वक़्त ने सिखा दिया है मुस्कुराना यूँ ही,
वरना दर्द तो अब भी वही है दिल में।
तू पास नहीं, फिर भी एहसास है तेरा,
हर धड़कन में छुपा कोई जज़्बात है तेरा।
कह नहीं सकते तुझसे कुछ भी अब,
बस आंखों में बहते हैं अल्फ़ाज़ तेरे।
जब भी तुझे सोचता हूँ रात भर जागता हूँ,
तेरी बातों में उलझकर खुद को भूल जाता हूँ।
कुछ तो था तेरे और मेरे दरमियां,
जो अब भी हर सांस में तेरे नाम को दोहराता हूँ।
ये दिल भी कितना मासूम है,
हर दर्द को तेरी मोहब्बत समझ बैठा।
और हम भी कितने नादान निकले,
तेरे खामोश लफ्ज़ों में वफ़ा ढूंढ बैठे।
कभी तुम समझना मेरी खामोशी को,
ये सन्नाटा भी चीखता है कभी-कभी।
मुस्कान के पीछे छुपे हैं जो ज़ख्म,
उन्हें पढ़ने का हुनर सबके पास नहीं होता।
टूटे हुए दिल की क्या मिसाल दूँ,
हर धड़कन तेरे नाम से डरती है।
अब ना कोई ख्वाब है, ना तमन्ना बची,
मोहब्बत भी अब तन्हाई से डरती है।
वो मोहब्बत जो अधूरी रह गई,
आज भी हर साँस में बसी है कहीं।
ना तुझसे शिकायत है, ना तुझसे गिला,
बस तुझे सोचते हुए उम्र बीत चली है।
दर्द जब हद से गुजर जाता है,
तो इंसान हँसते हुए भी टूट जाता है।
कोई नहीं जान पाता उस मुस्कुराहट का राज़,
जो हर आंसू को छुपा कर निभाई जाती है।
जिस्म से नहीं, रूह से चाहा है तुझे,
तेरे जाने के बाद भी तुझी में जिया हूँ मैं।
लोग कहते हैं तू बदल गया,
उन्हें क्या पता, तेरे बाद मैं भी तो वहीं नहीं रहा।
ना शिकायत है किसी से, ना अब किसी से उम्मीद है,
दिल जो टूटा था, अब उसकी भी तामीर मुमकिन नहीं।
हर रिश्ता एक इम्तिहान सा लगता है,
और हम हर बार नाकाम हो जाते हैं उसमें।
Love Sad Shayari in Urdu

मोहब्बत थी इसलिए जाने दिया,
मजबूरी थी इसलिए कुछ कहा नहीं।
अब वो भी खामोश हैं, हम भी चुप हैं,
मगर दिल में तूफान रुका नहीं।
हमनें जिस दिल से तुझे चाहा था,
उसी दिल को तूने तोड़ दिया।
वफ़ा के नाम पर मिला बस धोखा,
और दर्द को ताउम्र छोड़ दिया।
वो कहता था — हर लम्हा साथ देंगे,
आज वही लम्हों में छोड़ गया।
मोहब्बत निभाई थी जान से ज़्यादा,
और वो मुझे ज़िंदगी से तोड़ गया।
तुझसे शुरू हुआ था ये ख्वाबों का सिलसिला,
और तू ही आखिरी ख्वाब बन गया।
अब ना ख्वाब रहे, ना तुझे पाने की आरज़ू,
बस हर रात एक नाम बनकर रह गया।
हमने चाहा भी तुझसे छुपकर नहीं,
तूने छोड़ा भी हमें सोचकर नहीं।
अब जो रह गया है वो सिर्फ यादें हैं,
जिनसे हर रोज़ बिखरते हैं हम।
मोहब्बत में सुकून ढूंढा था हमने,
मगर तन्हाई ही मुक़द्दर बनी।
तेरे बिना अब हर शाम अधूरी लगती है,
जैसे ज़िंदगी बिना रौशनी के जली हो कहीं।
तू नहीं है, मगर एहसास तेरा हर जगह है,
तेरी बातों में ही अब सुकून बचा है।
जो इश्क़ था वो अब सज़ा बन गया है,
और हम खामोशी की ज़ुबां पढ़ते हैं।
अब किससे कहें कि दिल कितना टूटा है,
और कितनी बार टूटने के बाद भी जिंदा है।
वो प्यार भी क्या प्यार था,
जो आंसुओं के सिवा कुछ ना दे सका।
मोहब्बत में जो दर्द मिला है,
वो अब आदत सी बन गई है।
तू गया तो कुछ नहीं बदला,
बस हँसी रुक गई और तन्हाई बढ़ गई।
तेरी एक झलक के लिए तरसते हैं आज,
जिसको कल हमसे नज़रें मिलाने की फुर्सत नहीं थी।
इश्क़ की बुनियाद वफ़ा पर रखी थी हमने,
और तूने उसे बेवफाई से गिरा दिया।
Heart-Touching Shayari in Urdu

हर दिन मुस्कुराते हैं तुझको खुश देखने के लिए,
वरना हमारी तो हँसी भी अब रोने लगी है।
तुझसे जुदा होकर ये जाना हमने,
मोहब्बत अधूरी भी मुकम्मल लगती है।
कोई रिश्ता भी अब अपने जैसा नहीं लगता,
तेरे जाने के बाद दिल वैसा नहीं लगता।
हँसी तो आती है ज़रूर,
मगर पहले जैसी नहीं होती अब।
जब कोई अपना खामोश हो जाए,
समझ लेना वो अंदर से टूट चुका है।
लफ्ज़ों में बयां नहीं हो पाता हर दर्द,
कुछ दर्द सिर्फ खामोशी से रोते हैं।
तुझसे बात किए ज़माना हो गया है,
मगर दिल आज भी तुझसे ही रु-ब-रु होता है।
तुम पास नहीं हो मगर एहसास में हो,
ये ही तो मोहब्बत की सबसे बड़ी सज़ा है।
वो लम्हा जो तेरे साथ बीता था,
आज भी सबसे हसीन लगता है।
शायद इसलिए अब हर खुशी अधूरी है,
क्योंकि तू उसमें शामिल नहीं है।
वक़्त और मोहब्बत दोनों बेवफा हैं,
एक चल जाता है और दूसरा बदल जाता है।
जो वक़्त के साथ नहीं बदले,
वही तो असली इश्क़ कहलाता है।
दिल से निकली दुआ भी अब अधूरी लगती है,
तेरे बिना हर बात अधूरी लगती है।
ना तू मेरा रहा, ना कोई और हो पाया,
मोहब्बत तेरे नाम पर ही रुकी रह गई।
तेरे बिना हर मौसम सुना लगता है,
बहार भी अब पतझड़ सी लगती है।
तू लौट आ — सिर्फ़ एक बार,
ये रूह फिर से जीने लग जाएगी।
तन्हा रहना अब आसान लगने लगा है,
जब से अपना कहने वाले गैर लगने लगे हैं।
अब किसी पर ऐतबार करना दिल नहीं चाहता,
मोहब्बत से ज़्यादा तन्हाई वफ़ादार निकली।
जब जब तेरा ज़िक्र होता है,
दिल जैसे धड़कना भूल जाता है।
तू सिर्फ नाम नहीं, मेरी जान था,
जिसे खोकर मैं खुद को भी खो बैठा।
Soulful Shayari in Urdu

दिल तो बहुत कुछ कहना चाहता है,
मगर लफ़्ज़ साथ नहीं देते।
कुछ दर्द ऐसे होते हैं जो
सिर्फ़ रूह समझती है, दुनिया नहीं।
तन्हाई में जब खुद से मुलाक़ात होती है,
तब रूह की हर खामोशी से बात होती है।
जो नहीं कह सके किसी से कभी,
वो अश्क़ बनकर रातों में बरस जाती है।
जिस्म की मोहब्बत तो सब करते हैं,
रूह से जो चाहे वही सच्चा होता है।
वरना चेहरे तो हर गली में हज़ार हैं,
दिल से दिल लगाना हुनर होता है।
तेरे जाने से कुछ यूं टूटा हूँ मैं,
जैसे रूह से जुदा हो गया हो कोई साया।
अब जो भी आता है पास,
बस खालीपन ही पाता है मुझमें।
रूह की सच्चाई लफ्ज़ों में कहाँ आती है,
मोहब्बत भी अब तो अदाओं में रह गई है।
जो बिना बोले सब समझ ले,
वही रूह का रिश्ता कहलाता है।
तुझसे मिलना तो नसीब ना बन सका,
मगर तुझे महसूस करना रूह की आदत बन गई।
अब ना तुझसे गिला है, ना कोई सवाल,
बस तेरा जिक्र आते ही रूह काँप जाती है।
खामोशियों में जो सुकून मिलता है,
वो शोर में कहां नसीब होता है।
रूह की बातें हैं ये,
हर कोई महसूस नहीं कर सकता।
मोहब्बत रूह से की थी,
इसलिए तुझसे आज भी नफ़रत नहीं।
जिस्म से तू दूर हो गया है,
पर दिल के हर हिस्से में आज भी बसा है तू।
जब दिल की गहराइयों से निकली आवाज़,
रूह तक जा पहुँची, तब शायरी बनी।
वरना तो हर कोई लिखता है,
मगर हर शेर में जान कहाँ होती है?
ना कोई वादा था, ना कोई कसमें खाई थीं,
फिर भी रूह से निभा लिया तुझसे रिश्ता।
लोग पूछते हैं अब भी मोहब्बत क्यों है,
मैं मुस्कुरा के कह देता हूँ — आदत है बस।





















